प्रतिष्ठा ने सुनाई राहुल गांधी से पहली मुलाकात की कहानी

प्रतिष्ठा ने ये भी बताया कि इस मुलाकात में कुछ भी स्क्रिप्टेड नहीं था, बल्कि सबकुछ असल था। राहुल गांधी के पॉजीटिव एटीट्यूड की तारीफ करते हुए उसने कहा कि कम ही राजनेता इतनी सादगी से मिलते हैं। बता दें, प्रतिष्ठा दिल्ली यूनिवर्सिटी की उन छह स्टूडेंट्स में से एक हैं, जिन्हें पिछले हफ्ते एक रेस्टोरेंट में राहुल गांधी के साथ डिनर के लिए बुलाया गया था।
एनडीटीवी के शो में लेडी श्रीराम कॉलेज की स्टूडेंट प्रतिष्ठा ने राहुल गांधी से इस मुलाकात की कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि कांग्रेस ऑफिस से कॉल आया था और एक सीनियर कांग्रेस लीडर से मिलने की बात कही गई थी। हमें कांग्रेस लीडर से उन सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए कहा गया था, जो हमारे लिहाज से अहम हैं। पर हमें ये नहीं बताया गया था कि हम राहुल गांधी से मिलने वाले हैं।
प्रतिष्ठा के मुताबिक, जब उन्होंने बहुत सिक्योरिटी और मीडिया देखी तो उन्हें लग गया कि वो किसी बहुत अहम व्यक्ति से मिलने आए हैं। कांग्रेस ने भी मंगलवार को सोशल मीडिया पर इस वीडियो कैंपेन के बारे में बताया।
ये प्रोग्राम कितना स्क्रिप्टेड था इस सवाल पर प्रतिष्ठा का जवाब था- बिल्कुल भी नहीं। उन्होंने बताया कि उन्हें कहा गया था कि वो जो भी पूछना चाहते हैं या जिस बारे में भी सवाल करना चाहते हैं, वो कर सकते हैं। इसमें कुछ भी स्क्रिप्टेड नहीं था। ये सब कुछ बहुत ही स्पष्ट, सहज और वास्तविक था। जब ये सवाल किया गया कि राहुल गांधी कैसे लगे, तो प्रतिष्ठा ने कहा कि वो अपने जवाबों में बहुत विचारशील लगे। उन्होंने किसी भी सवाल के सतही जवाब नहीं दिए। उन्होंने बात-बात में विकलांगता समेत ऐसे कई मुद्दे थे जिन्हें माना कि इन पर पॉलीटीशियन ने ध्यान नहीं दिया।
प्रतिष्ठा ने कहा कि मैं राहुल गांधी से पहले भी कई नेताओं से मिल चुकी हूं, लेकिन उनका रवैया ऐसा होता है कि वो सब जानते हैं। पर राहुल गांधी का वैसा बिल्कुल भी नहीं था। उन्होंने बातचीत में बहुत खुलकर हिस्सा लिया। वो टेबल पर बैठे लोगों को सुनने और सीखने के लिए भी तैयार दिखे।