जो गाय के नाम मुसलमानों को मारे वो हिन्दू नही हो सकता : हार्दिक पटेल

हार्दिक ने कहा कि हिंदू से मुसलमान को खतरा है और न ही मुसलमान से हिंदू से, खतरा सिर्फ दोनों की कट्टरता से है, इसे त्यागने की जरूरत है। भाजपा और संघ के लोग संविधान बदलकर देश में सभी वर्ग के लोगों पर एक खास विचारधारा थोपने का प्रयास कर रहे हैं।
इसलिए हमें एकजुट होकर इसका सामना करना पड़ेगा। उन्होंने केंद्र सरकार को सामंतवादी बताते हुए कहा कि 2019 में इसे उखाड़ फेंकना है। इसलिए मजबूती से बात उठाने वाले उम्मीदवार को चुनें। यदि संविधान बचाना है तो पहले उसे समझना होगा। इसके लिए शिक्षित होना होगा। भाजपा के लोग देश को संविधान से नहीं, बल्कि मनुस्मृति से चलाना चाहते हैं। इसलिए पिछड़े वर्ग को मिला 27 प्रतिशत आरक्षण पूरी तरह लागू नहीं कर रहे हैं।
और दलितों का आरक्षण समाप्त पर करने की साजिश रच रहे हैं।मौलाना अकरम नदवी, बहुजन मुस्लिम महासभा के अध्यक्ष वली मोहम्मद, उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता शेख ताहिर सिद्दीकी ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री योगी का नाम लिए बगैर हार्दिक ने कहा कि मैंने बहुत से साधु-संतों के बारे में सुना है, लेकिन ऐसा संत आज तक नहीं देखा जो सत्ता से चिपका हो। इसका नतीजा है कि यूपी में कानून-व्यवस्था चौपट हो गई है।
वक्ताओं द्वारा हनीमून छोड़कर कार्यक्रम में पहुंचने पर हार्दिक ने कहा, ‘मैं सत्ता के लिए पत्नी को नहीं छोड़ सकता, पत्नी के प्रति मेरी जो जिम्मेदारी है वह निभाकर आया हूं।’ गौरतलब है कि हार्दिक की हाल में शादी हुई है। हार्दिक ने सावित्री बाई फुले को भी सुझाव दिया कि उन्हें भाजपा से इस्तीफा नहीं देना चाहिए था, बल्कि शत्रुघ्न सिन्हा की तरह पार्टी में रहकर अपनी आवाज बुलंद करना चाहिए थी।