हिंदू युवक के रक्तदान से बची मुस्लिम प्रसूता की जान

टीम सदस्य ओमप्रकाश डागुर उर्फ ओमी भैया ने बताया कि करौली ब्लड बैंक में ‘ए प्लस’रक्त उपलब्ध नहीं था। जबकि अस्पताल में डिलीवरी के लिए भर्ती मुस्लिम महिला को ए प्लस रक्त की विशेष आवश्यकता थी। इस ग्रुप के ब्लड के अभाव में वह जिंदगी और मौत से जूझ रही थी।
इसकी सूचना परिजन एवं अन्य सूत्रों से जैसे ही टीम जीवन ज्योति फाउंडेशन के सदस्य शकील खान को लगी तो उन्होंने टीम जीवन ज्योति फाउंडेशन के सदस्य गौरव शर्मा से संपर्क किया।
रक्तवीर गौरव शर्मा भी जाति-पांती, धर्म-भेद से ऊपर उठकर तुरंत ही प्रसूता के लिए रक्तदान करने हॉस्पिटल पहुंच गया और उसके परिजनों से संपर्क कर प्रसूता के लिए रक्तदान किया। इससे प्रसूता को समय पर ब्लड उपलब्ध हो जाने से उसकी जान बच गई।