10 साल के इस पाकिस्तानी प्रोफेसर अपने से दोगुनी उम्र के छात्रों को देते हैं तालीम

हम्माद का मानना है कि जब तक शिक्षा के नवीनतम मानकों को पूरा नहीं किया जाता तब तक क्रांति लाने की संभावना नहीं होती है। अगर हमारी पूरी प्रणाली का पुनर्गठन किया जाता है जिसमें शिक्षण कंप्यूटर कौशल अनिवार्य है।
हम्मा को उद्धृत करते हुए एआरवाई न्यूज़ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, ‘मैं इस संदेश को दुनिया को बताना चाहता हूं कि हम आतंकवादी नहीं हैं और मैं इसका सबूत हूं। हमारे देश में प्रतिभा है, हमारे पास सब कुछ है, हमें केवल कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।