बाटला हाउस की दसवीं बरसी पर मुकदमों, परिवारों की स्थिति और टेरर पालिटिक्स पर रिहाई मंच जारी करेगा रिपोर्ट

कार्यक्रम के संयोजक मसिहुद्दीन संजरी और तारीक शफीक ने बताया कि दस साल पहले हमारे गांव संजरपुर, आजमगढ़ के दो मासूम लड़कों को बाटला हाउस में मारा गया तब देश के मानवाधिकार-लोकतांत्रिक अधिकार के लिए लड़नेवाले इस नाइंसाफी के खिलाफ खड़े हुए. आज जब उन्हीं इंसाफ़पसंद लोगों पर हमले हो रहे हैं तो ऐसे में यह कार्यक्रम एकजुटता का संदेश देने का काम करेगा.
उन्होंने याद दिलाया कि कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भारत भूषण बाटला हाउस पर सवाल खड़ा करनेवाले पहले पत्रकार थे. उस समय वह मेल टुडे के संपादक थे. भीमा कोरेगांव के बहाने सवाल उठानेवाले तमाम लोग सत्ता के निशाने पर आये, उसी तरह सीमा आजाद को भी इससे पहले जेल जाना पड़ा था. कार्यक्रम में राजनैतिक विश्लेषक रामकृष्ण और सामाजिक कार्यकर्ता उबैद सुल्तान भी होंगे.
इस अवसर पर बीते दस सालों में मुकदमों और परिवारों की स्थिति के अलावा टेरर पालिटिक्स पर फोकस रिपोर्ट भी जारी की जायेगी.