हिंदी के साथ मराठी और भोजपुरी भी बोल सकती हैं इंसानी रोबोट रश्मि, इंडिया में हुआ अविष्कार
वह मराठी, भोजपुरी और अंग्रेजी भी बोल सकती है। रंजीत का कहना है कि रश्मि के शरीर का 80% हिस्सा बन चुका है। अब सिर्फ हाथ और पैर बाकी हैं।
रश्मि भी सोफिया की तरह अपनी भावनाएं न सिर्फ व्यक्त कर पाएगी, बल्कि लोगों के चेहरे को पहचान पाएगी। सोफिया को 2015 में हॉन्ग कॉन्ग की हैनसन रोबोटिक्स लिमिटेड ने बनाया था। सोफिया को 2017 में सऊदी अरब की नागरिकता भी मिल चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रंजीत श्रीवास्तव ने बताया, रश्मि को बनाने में उन्हें दो साल का वक्त लगा। अब तक करीब 50 हजार रुपए का खर्च आ चुका है। हालांकि, इसे पूरी तरह तैयार होने में एक महीना और लगेगा। अभी वह अपनी आंखों, होठों और पलकों को हिला लेती है। साथ ही गर्दन घुमाकर इशारे भी कर सकती है।
उन्होंने बताया कि वह (रश्मि) एक-दो मुलाकातों के बाद किसी को भी आसानी से पहचान लेती है। इसकी आंखों में लगा कैमरा लोगों की छवि को कैद कर लेता है और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रोग्राम उस व्यक्ति की पहचान जाहिर करने में मदद करता है।