बकरे की कीमत 75 हजार पर लड़की की 15 हजार रुपये!

बकरीद से पहले रांची में कुर्बानी के लिए बकरों का बड़ा बाजार लगा जिसमें 20 से 80 हजार के बीच बकरे खरीदे गए. इसी बीच झारखंड के गांवों से लाई गई लड़कियों को दिल्ली, फरीदाबाद और गुरुग्राम सहित बाकी बड़े शहरों में बेचा गया.
इन्हें ज्यादा से ज्यादा 40 हजार और कम से कम 1000 रुपये तक में बेच दिया गया.कुछ सप्ताह पहले नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा था कि देश में जानवरों से भी कम कीमत पर लड़कियों को बेचा जा रहा है. सत्यार्थीं के बचपन बचाओ आंदोलन की कार्यक्रम निदेशक डॉक्टर संपूर्ण बेहुरा ने बताया कि कई सालों से उनका संगठन तस्करी से बचाई गई लड़कियों के साथ काम कर रहा है.
झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे राज्यों से सबसे ज्यादा लड़कियों की तस्करी की जाती है. इन्हें दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई जैसे शहरों में ले जाया जाता है.बकौल बेहुरा, ‘हमने झारखंड की कई ऐसी लड़कियों को बचाया है जिन्हें पांच से 10 हजार रुपये तक में बेचा गया था.
इन लड़कियों को नौकरानी के रूप में जबरदस्ती काम कराया जाता है. साथ ही इन्हें मारा-पीटा जाता है और इनका शारीरिक व यौन शोषण किया जाता है. इन लड़कियों को दलाल उनके परिवारों से ले जाते हैं और मामूली से पैसे देते हैं.
वे इन्हें बड़े शहरों में नौकरानी के रूप में काम कराने का वादा करते हैं. लेकिन लड़कियों को कुछ नहीं मिलता. सालों से यह शोषण चल रहा है.’पिछले कुछ सालों में झारखंड में कई मानव तस्करों और दलालों को गिरफ्तार किया गया है. इन्होंने लड़कियों की कीमत का खुलासा किया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पन्नालाल महतो और बाबा बामदेव जैसे सरगना सहित 70 दलालों को पकड़ने वाली रिटायर्ड पुलिस अधिकारी आराधना सिंह ने बताया, ज्यादातर तस्करों ने लड़कियों को 15 से 25 हजार रुपये में बेचने की बात कबूल की. वहीं पन्नालाल लड़कियों को 50 हजार रुपये में बेचता था.’उन्होंने बताया कि लड़कियों की कीमत तीन जगहों पर लगाई जाती है.