कहानी से फिल्में चलती हैं : प्रीति साहनी

साहनी ने कहा, "एक सप्ताहांत के बाद फिल्म पर्दे पर टिकी रहती है तो इसके पीछे सिर्फ स्टार ही नहीं, बल्कि कहानी भी होती है, जो दर्शकों का मनोरंजन करती है और उनके साथ एक संबंध बनाती है। आखिरकार, कहानी यही करती है। फिल्म जैसे अस्थिर व्यवसाय में अगर हम ऐसी कहानी को बनाने पर ध्यान केंद्रित नहीं करेंगे, जिसमें अच्छा लेखन और सही दिशा हो, तो फिल्म असफल हो जाएगी।"
सही बजट का ध्यान रखना भी एक बड़ी चुनौती है।
उन्होंने कहा, "पटल पर हम इस तरह से फिल्म नहीं बनाते कि वह 100 करोड़ रुपये कमाएगी। हम यह दर्शकों पर छोड़ देते हैं। शुरुआत में हम फिल्म का बजट तैयार करते हैं और उसे वापस हासिल करने का तरीका ढूंढ़ते हैं।"