क्या आप "काफ़िर" का मतलब जानते हैं ?

कल एक दोस्त के यहाँ डिनर पर गया जहाँ कुछ और लोग उपस्थित थे , एक भगवा गमझा लपेटे भी महोदय भी थे। डिनर के पहले ही उनके अंदर का ज़हर मुझे देख कर हिलोरे मारने लगा , दोस्तों में व्यापार की खस्ताहाल पर बात होती तो वह घसीट कर विषय को वहीं ले आते जहाँ मैं कुछ बोल सकूं।
मैं बहुत देर तक उनकी बेचैनी देखता रहा , फिर पूछ लिया कि आप कुछ बेचैन लग रहे हैं ? आपकी तबियत तो ठीक है ?
बोल ही पड़े , लोगों को अपने लाभ हानि की पड़ी है , हिन्दुओं और हिन्दू समाज की तो चिंता ही किसी को नहीं।
मैंने कहा कि आपको चिंता है ?
बोले कि "जी बिल्कुल"
मैंने पूछा कि आपको कैसी चिंता है ?
भगवा गमछाधारी बोल पड़े "मुसलमान सदैव से हिन्दुओं को काफ़िर कहता रहा है , मोदी जी के डर से वह अब कम से कम हमें काफिर तो नहीं कहता।
मैंने कहा कि "काफ़िर" का मतलब जानते हैं ?
वो "चुप" फिर कुछ देर बाद बोले कि अरबी में कोई गंदी गाली है।
मैंने कहा कि किसने आपको यह ज्ञान दिया ? वह वही श्रोत बता गये जिससे 20% ज्ञान प्राप्त करती है।
मैंने उनको समझाया कि "काफ़िर" शब्द गाली नहीं है बल्कि अरबी का एक ऐसा शब्द है जिसका अर्थ है "अल्लाह के आदेश को नहीं मानने वाला" जैसे ईश्वर को ना मानने वाले को अपने देश में "नास्तिक" कहा जाता है।
नास्तिक गाली है ? बोले नहीं
मैंने कहा कि आप अल्लाह के आदेश अर्थात "कुरान" को मानते हैं ?
वह दाएँ बाएँ देखने लगे।
अरबी शब्दों , काफिर , जेहाद , फतवा जैसे शब्दों का प्रयोग करके नफरती ब्रिगेड ने इन 20% में इतना ज़हर भर दिया कि यह एक मुसलमान को देखते ही फुफकार मारने लगते हैं।
शब्दों का अर्थ समझाने की आवश्यकता है।
(मोहम्मद जाहिद सोशल मीडिया एक्टिविस्ट हैं। इस लेख के विचार पूर्णत: निजी हैं, इस लेख को लेकर अथवा इससे असहमति के विचारों का भी UPUKLive.com स्वागत करता है । इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है। लेख के साथ अपना संक्षिप्त परिचय और फोटो भी upuklive@gmail.com भेजें।)