लड़कियों ने स्कर्ट पहन कर किया स्टेज पर डांस, तब उलेमाओं ने नहीं किया विरोध

जारी बयान में फैसल ने कहा कि जौहर इंडस्ट्री के मालिक रामपुर में सर्कस का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनके कुछ पालतू गुंडे मुफ़्त में सर्कस देखना चाहते थे जिसको सर्कस स्वामी ने नाकार दिया बात जौहर इंडस्ट्री के मालिक तक पहुँची तो उन्होंने सर्कस के खिलाफ दुष्प्रचार कर सर्कस को बंद कराने के लिए मोर्चा खोल दिया जिसमें उलमाओं को भी इस्तेमाल किया गया जिससे उलमाओं की साख गिरी है।
मुझे लगता है उलमाओं को नेताओं के हाथों की कठपुतली नही बनना चाहिए। मुझे याद है जब जौहर इंडस्ट्री की संगे बुन्याद रखी गई थी तब स्कूल की बच्चियों ने स्टेज पर स्कर्ट पहन कर डांस किया था तब उस स्टेज पर शहर काज़ी सहित तमाम उलेमा मौजूद थे तब उलमाओं ने डांस का विरोध क्यों नही किया।
जब सैफई महोत्सव में अश्लील डांस होता है तो सपा मुखिया सहित पूरी समाजवादी पार्टी बैठकर मज़े लेते है जिसका विरोध भी उलमाओं को करना चाहिए और हर बार ईद की नमाज़ में एक ऐसी यूनिवर्सिटी के लिए ही दुआ क्यों की जाती है जो कि गरीबो की ज़मीन पर कब्ज़ा करके हराम की दौलत से बनाई गई है।
शहर के और तालीमी इदारों, मदरसों और जामा मस्जिद बनवाने वाले लोगो के लिए दुआए क्यों नही की जाती है यह बात भी रामपुर वालो को अंदर से कचोटती है, उलमाओं को राजनीति से परहेज़ करना चाहिए।
मैं सर्कस देखकर आया वहां कुछ भी गलत नही पाया, बल्कि कलाकारों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर कड़ी मेहनत से लोगो का मनोरंजन किया है रामपुर में बच्चो के मनोरंजन के लिए कुछ भी नही है मुझे लगता है यह सर्कस मनोरंजन का बेहतरीन साधन है।