क्राइम ब्रांच के चीफ ने कहा कि प्राइवेट पार्ट्स में लकड़ी डालना रेप नहीं

22 वर्षीय पीडि़ता के पिता ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कराई जहां उसने बताया कि क्राइम ब्रांच के स्पेशल पुलिस कमिश्नर जेके भट्ट आरोपी की मदद कर रहे हैं। पीडि़ता ने मांग की कि मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए।
साथ ही विक्टिम ने यह भी आरोप लगाया कि जेके भट्ट ने ऐसे सवाल किए हैं जो किसी रेप पीडि़ता से कभी नहीं पूछे जाने चाहिए। पीडि़ता ने बताया, उन्होंने मुझसे कहा कि गुप्तांगों में लकड़ी डालना रेप नहीं कहलाता है। इस तरह के सवालों की वजह से ही रेप पीडि़ता पुलिस से शिकायत करने के बजाय आत्महत्या करना बेहतर समझती हैं। यहां तक कि मेरे मन भी एक समय पर आत्महत्या के लिए विचार आया था। पीडि़ता ने बताया कि उसे बंधक बनाकर सैटलाइट और घोडासर इलाके में रेप किया गया।
प्रेस वार्ता के दौरान पीडि़ता ने बताया कि जेके भट्ट ने मुझसे पूछा कि मैं उस दिन नेहरूनगर क्यों गई थी, जिस दिन यह घटना हुई थी। पीडि़ता ने कहा, उन्होंने कई बार मुझसे ऊंची आवाज में बात की और रेप एफआईआर को चीटिंग शिकायत में बदलने का दबाव भी बनाया।
पीडि़ता ने कहा, जेके भट्ट ने कहा कि मैंने षडयंत्र के तहत रेप शिकायत दर्ज कराई है क्योंकि मेरा एक आरोपी से ब्रेकअप हुआ था। उन्होंने मुझसे कहा कि अगर वह मेरी जगह होते तो वह भी यही करते। पीडि़ता ने गुजारिश की केस की जांच महिला पुलिस अधिकारियों द्वारा होनी चाहिए।
सिटी पुलिस कमिश्नर एके सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करके जेके भट्ट के खिलाफ आरोप की प्रतिक्रिया में कहा कि सिटी पुलिस पर लगाए गए आरोप धब्बे की तरह हैं लेकिन फिर उन्हें अपनी टीम पर पूरा यकीन है। उन्होंने कहा, हम पुलिस पर लगे आरोपों की जांच जरूर करेंगे लेकिन हमारी प्राथमिकता सच सामने लाने की है।
उन्होंने यह भी कहा कि एफआईआर के ब्यौरे और हमने जो सबूत जुटाएं हैं उसमें काफी अंतर है। इन सबूतों में सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड्स, लोकेशन और मोबाइल फरेंसिक्स शामिल है। एके सिंह ने कहा कि हालांकि वह विरोधाभासी सबूतों के साथ केस को ट्रायल के लिए नहीं भेजना चाहते और पीडि़ता से ही बातचीत करते हुए मामले को मजबूत बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हमारी टीम एक बार फिर से पीडि़ता का यकीन जीतेगी और सही दिशा में काम करेगी।