रात भर थाने में बैठाये रखने से आठ माह की बच्ची मौत, परिजनों का हंगामा
हमीरपुर। आठ माह की बच्ची का इलाज कराने जा रहे परिजनों को रात भर थाने में बैठाए रखा। परिवारीजन पुलिस के सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन किसी को तरस नहीं आया। आखिर इलाज के अभाव में बच्ची ने दम तोड़ दिया। सुबह जब पुलिस को इसकी सूचना मिली तो सकते में आ गई। पुलिस ने दोनों भाइयों को थाने से छोड़ दिया। परिवारीजन बच्ची का शव लेकर एसपी आफिस पहुंचे। वहां पर जमकर हंगामा काटा। परिवारीजन का कहना है कि पुलिस की लापरवाही से बच्ची की मौत हो गई। जिम्मेदार पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की जाए। एसपी के आश्वासन पर परिवारजन ने बच्ची के शव का अंतिम संस्कार किया।
जिला जालौन के कदौरा कस्बा निवासी बालेंद्र सिंह उर्फ नीशू की बीते नौ जुलाई को मार्ग दुर्घटना में मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप था कि उसकी हत्या कर शव को हाइवे में फेंका गया था। उसके आठ माह की एक बच्ची साक्षी थी। पत्नी व बच्ची की देखरेख बालेंद्र का बड़ा भाई शैलेंद्र व परिवार के अन्य सदस्य कर रहे थे। साक्षी करीब पांच माह से बीमार चल रही थी। उसके दिल में छेद बताया जा रहा था। काफी प्रयास करने के बाद शैलेंद्र व घर के अन्य परिवारीजन साक्षी को लेकर मध्य प्रदेश के छतरपुर लेकर घर से जा रहे थे। वह लोग घर से निकले ही थे कि कुरारा थाना के एक दारोगा व तीन सिपाही वहां पहुंच कर शैलेंद्र को पकड़ लिया। शैलेंद्र व उसके परिवारीजन ने जुर्म पूछा तो कहा कि थाने चलो सब पता चल जाएगा।
पुलिस उनको थाने ले आई। छोटे भाई मोनू को जब पता चला तो वह भी थाने पहुंच गया। पुलिस ने उसको भी थाने में बैठा लिया। दोनों भाई बच्ची के इलाज की दुहाई देते रहे, लेकिन पुलिस ने दोनों को नहीं छोड़ा। इलाज के अभाव में बच्ची ने रात को ही दम तोड़ दिया। सुबह इसकी जानकारी कुरारा थाने पहुंची। जानकारी होने पर पुलिस ने दोनों को यह कह कर छोड़ दिया कि तुम दोनों घर जाओ। परिवारीजन पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। यहां पर उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया। एसपी अनिल कुमार सिंह के आश्वासन के बाद परिवारीजन ने शव का अंतिम संस्कार किया।
एसपी हमीरपुर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि घटना की जांच कराई जाएगी, अगर वास्तव में पुलिस कर्मी दोषी मिलेंगे तो कार्रवाई की जाएगी, पुलिस ने शक के आधार पर शैलेंद्र को उठाया था।