गरीब बच्चों के लिए फ्री स्कूल चलाती हैं मुस्लिम शिक्षिका ‘‘रज़िया’’

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इनके स्कूल की वजह से अबतक 250 से ज्यादा ऐसे बच्चे मैट्रिक पास कर चुके हैं, जो बेहद गरीब थे और अगर रजिया आपा नहीं होतीं तो शायद ही वे कभी शिक्षित बन पाते। इन बच्चों में से कुछ बड़े पद पर भी पहुंच गए हैं। रजिया आपा के स्कूल में गरीब बच्चों को फीस नहीं देनी पड़ती। दो दशक से रजिया इस स्कूल को सिर्फ अपने दम पर चला रही हैं।
रजिया बच्चों के घर जाती हैं, जिनके मां-बाप दिहाड़ी मजदूर हैं और अपने बच्चों तो स्कूल नहीं भेज पाते। रजिया उन्हें बच्चों को स्कूल भेजने के लिए समझा-बुझाकर राजी करती हैं। रजिया आपा के स्कूल में पढ़नेवाले कई बच्चे ऐसे भी हैं, जो दिन में स्कूल में पढ़ते हैं और फिर बाद में अपने मां-बाप के काम में हाथ भी बंटाते हैं।
एक न्यूज़ पोर्टल की रिपोर्ट के मुताबिक रज़िया बताती हैं कि स्कूल के लिए जमीन उनकी मां ने दी थी। बाद में कुछ लोगों से भी सहायता मिली। वे बताती हैं कि अभी उनके स्कूल में लगभग एक चौथाई बच्चे ऐसे हैं, जिनके अभिभावक 50 या 100 रुपए फीस देते हैं। अन्य बच्चों को निशुल्क पढ़ाया जाता है। इसके अलावा शाम को वैसे बच्चों को यहीं कैंपस में ट्यूशन दी जाती है जो आसानी से फीस दे सकते हैं। रजिया बताती हैं कि साथ ही पास में बने उनके घर से कुछ किराया आता है। इन सबको मिलाकर वे स्कूल का खर्च निकाल लेती हैं।